शहर में कचरे के ढेर से उठने लगी दुर्गंध, हजारीबाग नगर निगम के सफाई कर्मी हड़ताल पर, शहर में हर तरफ पसरा कूड़ो का ढेर
समाज के प्रति निष्ठा ही मेरी पहचान – फहिम उद्दिन अहमद उर्फ संजर मलिक
शहर में कचरे के ढेर से उठने लगी दुर्गंध, हजारीबाग नगर निगम के सफाई कर्मी हड़ताल पर, शहर में हर तरफ पसरा कूड़ो का ढेर
निगम कर्मियों की हड़ताल, काम काज ठप, लोग परेशान
हजारीबाग, 29 अगस्त: हजारीबाग नगर निगम के सफाई कर्मी पिछले 23 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। शहर के सभी वार्डों में सात दिनों से सफाई का काम ठप है, जिसके परिणामस्वरूप हर तरफ कचरे के ढेर लग गए हैं।
इस स्थिति को देखते हुए झारखंड आंदोलनकारी नेता संजर मलिक ने आज एक अनोखे अंदाज में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने हजारीबाग डेली मार्केट के अंदर लगे कचरे के ढेर पर बैठ कर विरोध किया और हाथ में तख्ती थामे हुए थे जिसमें लिखा था, “हजारीबाग नगर निगम के हड़ताल से जनता है बेहाल, झारखंड में गरीबों की सरकार जल्द करे विभाग को बहाल”।
जनता की परेशानियां
संज़र मलिक के इस कदम से जनता में उम्मीद जगी है। सब्ज़ी मंडी के लोग, दुकानदार, और आम नागरिक इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित हैं। दुकानदारों का कारोबार ठप हो गया है और लोग बीमारी के डर से अंदर नहीं जा रहे हैं।
सब्ज़ी मंडी के अंदर की हालत इतनी ख़राब है कि लोग वहां से गुजरने में भी कतरा रहे हैं। गंदगी और दुर्गंध के कारण लोग सब्ज़ी खरीदने से परहेज कर रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए संजर मलिक ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए वैकल्पिक व्यवस्था निकालने की मांग की ताकि लोगों को इस गंदगी से निजात मिल सके।
संजर मलिक का नेतृत्व
संजर मलिक ने कहा कि हज़ारीबाग नगर निगम क्षेत्र के 36 वार्डों में निगम के 484 सफाई कर्मी सफाई का कार्य करते हैं। सफाई कार्य में करीब 60 वाहनों का उपयोग किया जाता है और निगम क्षेत्र से करीब 70 टीपर कचरा प्रतिदिन निकलता है। इस प्रकार पिछले सात दिनों में करीब 400 गाड़ियाँ कचरा शहर में जमा हो गया है।
निगम कर्मियों की मुख्य मांग यह है कि 25 से 30 सालों से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे सफाईकर्मियों की नौकरी को स्थायी किया जाए और वेतन वृद्धि की जाए ताकि उनके परिवार को आर्थिक तंगी का सामना ना करना पड़े।
प्रशासन का ध्यान आकृष्ट
संज़र मलिक ने चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो सड़क से सदन तक आंदोलन होगा। उन्होंने कहा, “हम जनता के साथ हैं और उनके अधिकारों के लिए लड़ेंगे। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम और भी कठोर कदम उठाने के लिए तैयार हैं।”
जनता का समर्थन
संज़र मलिक के इस कदम से लोग उत्साहित हो गए और जिंदाबाद का नारा लगाने लगे। उन्होंने एक स्वर में कहा, “नेता हो तो संजर मलिक जैसा।” इससे पहले भी संजर मलिक ने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है, जिसमें उन्होंने चतरा जाने वाली सड़क पर जल जमाव की समस्या को हल करने के लिए जल सत्याग्रह किया था। प्रशासन ने उस समय भी उनकी मांगों को संज्ञान में लेते हुए कार्य शुरु किया था।
निष्कर्ष
संज़र मलिक की समाज के प्रति निष्ठा और जनहित के लिए उनकी लड़ाई ने उन्हें जनता के बीच एक लोकप्रिय नेता बना दिया है। उनकी पहल और संघर्ष से शहर की सफाई की समस्या पर ध्यान आकर्षित हुआ है और उम्मीद है कि जल्द ही इस पर समाधान निकलेगा। नगर निगम के सफाई कर्मियों की मांगें जायज हैं और प्रशासन को उन पर ध्यान देना चाहिए ताकि शहर में सफाई व्यवस्था फिर से पटरी पर आ सके और जनता को इस समस्या से निजात मिल सके।
